ग्रीन पटाखे vs नॉर्मल पटाखे: जानिए क्या सच में नहीं निकलता इनमें से धुआं?

नई दिल्ली
दिवाली रोशनी का त्योहार है. इस दिन सभी लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं, मिठाई बांटते हैं और साथ ही पटाखे भी फोड़ते हैं. लेकिन वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य संबंधी चिताओं की वजह से अब लोग हरित पटाखे चुनने लगे हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ग्रीन पटाखे फोड़ने पर सचमुच धुआं नहीं होता? आइए जानते हैं.
नॉर्मल पटाखों में अक्सर भारी धातु और ऑक्सिडाइजर जैसे बेरियम नाइट्रेट, लीड कंपाउंड्स, लिथियम साल्ट्स और बाकी पदार्थ होते हैं जो चटकीले रंग और तीव्र प्रभाव को पैदा करते हैं. लेकिन जलने पर यह सभी पदार्थ विषैले अवशेष भी छोड़ते हैं. लेकिन ग्रीन पटाखों में पोटेशियम नाइट्रेट जैसे कम प्रदूषणकारी ऑक्सिडाइजर और एल्यूमीनियम की नियंत्रित मात्रा का इस्तेमाल किया जाता है.
ग्रीन पटाखें नॉर्मल पटाखें की तुलना में हानिकारक गैस और कणिकीय पदार्थ को लगभग 30 से 35% तक कम करते हैं. ग्रीन पटाखें में कम पीएम 2.5, पीएम 10 और कम धातु प्रदूषण होते हैं. लेकिन यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त नहीं होते.
ग्रीन पटाखें नॉर्मल पटाखें की तुलना में हानिकारक गैस और कणिकीय पदार्थ को लगभग 30 से 35% तक कम करते हैं. ग्रीन पटाखें में कम पीएम 2.5, पीएम 10 और कम धातु प्रदूषण होते हैं. लेकिन यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त नहीं होते.
ऐसा माना जाता है कि ग्रीन पटाखें धुआं नहीं छोड़ते, लेकिन ऐसा नहीं है. यह भी धुआं छोड़ते हैं लेकिन फर्क कितना है कि ग्रीन पटाखें को धूल निरोधक और पानी छोड़ने वाले घटकों से बनाया जाता है जो दिखाई देने वाले धुएं और हवा में मौजूद धूल को कम करते हैं.
नॉर्मल पटाखें काफी तेज आवाज करते हैं. लेकिन ग्रीन पटाखों को शांत रहने के लिए डिजाइन किया गया है और ये नॉर्मल पटाखें की तुलना में कम आवाज करते हैं.
असली ग्रीन पटाखों पर पहचान चिह्न लगे होते हैं. खास तौर पर CSIR-NEERI लोगों और क्यूआर कोड. आप उस कोड को स्कैन करके प्रमाणिकता को सत्यापित कर सकते हैं.ग्रीन पटाखें तीन तरह के होते हैं. सेफ वाटर रिलीजर, सेफ थर्माइट क्रैकर और सेफ मिनिमल अल्युमिनियम. हर प्रकार पर्यावरण को दूषित होने से बचाने में मदद करता है.